Friday, March 15, 2019

राबता...

मेरी इसमें क्या खता, काश वो देती बता. 
मेरा दिल तोड़ने वाले, इतना भी तो ना सता. 

रिश्ता कुछ भी रहे भले, दुरी दिलों में न चले, 
चार दिन की जिंदगी में, प्यार थोड़ा तो जता. 

याद तुझको मैं करूँ, तन्हा-तन्हा आहें भरूं, 
तेरे बिन दिल न लगे, दिमाग भी अब लापता. 

लौट आजा यार फिर, इल्ज़ाम सारे मेरे सिर, 
चाहता हूँ तुम साथ हो, तु रहता बस भागता. 

गल तु मैनूं एक दस, कदी तो नाल मेरे हंस, 
जाने की बात न कर, रब का तुझको वासता. 

कुछ तो था या था नहीं, भुल न जाना नाजनीं, 
दिल मेरा चुराने वाले, कुछ तो है तुझसे राबता.

NYSH

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