Friday, November 24, 2006

अनजाना खेल...

जब से आपको जाना है
आपको ही खुदा माना है।

जब से आपसे इश्क हुआ,
दिल आपका दीवाना है।

वादा करो ना छोड़ोगे साथ,
हमें आपका साथ निभाना है।

ऐसे ना खफा हो हमसे,
हमें दूर तलक जाना है।

बन्दा आपके सामने हाजिर है,
अगर आपको आजमाना है।

कैसे दिलायें यकीं चाहत का,
यह खेल भी अनजाना है।

NYSH निशांत

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