Friday, July 11, 2008

रब्बा यार मिला दे...

ऐसे साथी की है तलाश,
हो जो हटकर, सबसे ख़ास,

तन्हा सफ़र अब कैसे कटे,
कोई तो हो जो रहे आस-पास.

अरमान हो उडानों से आगे,
अधूरी न रह जाये कोई प्यास.

परियों से पंख नहीं पर,
दिल में हो उन सा एहसास.

रब्बा यार मिला दे ऐसा,
हो जायेगी पूरी सारी आस.

1 comment:

Anonymous said...

KYA KALPANA HAI, JARUR HOGI AISI HOOR AAPKE LIYE, RABB MILAYEGA JODI.