Friday, July 07, 2006

ए... दीवानों...

जुस्तजू और जुनूं, दोनों देते सुकुं,
जान जाती है, जाने दो, दीवानों... ए... दीवानों...

सरफरोशी के हैं दिन, उठा लो सर पे जमीं,
हार मानो ना, जीतो तुम, दीवानों... ए... दीवानों...

कर खुदी को बुलंद, बन जा सबकी पसंद,
जाने से पहले, गा लो ये, दीवानों... ए... दीवानों...

इतना ग़ुस्सा हो क्यूं, किस की तुम्हें आरजू,
पा लो रूह का सुकूं, दीवानों... ए... दीवानों...

NYSH
निशांत

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