ज़लवे इश्क के...
Jalwe ISHQ Ke...
तुम्हारे इश्क के ज़लवे हजार हुए।
हम तो बेवज़ह युं ही बेकरार हुए।
Tumhare Ishq Ke Jalwe Hajaar Hue,
Hum Tau Be-Wajaha Bekaraar Hue.
तुम्हीं को चाहा, जुनूं भी बनाया।
साथ निभाने को ताउम्र तैयार हुए।
Tumhi Ko Chaha, Junoo Bhi Banaya,
Saath Nibhane Ko Ta-Umar Taiyar Hue.
उम्मीदें थी टुटी, जिगर हुआ घायल,
जीने के सभी रास्ते दुशवार हुए।
Ummidein Thi Tuti, Jigar Hua Ghayal,
Jeene Ke Sabhi Raste Dushwaar Hue.
क्यूं दामन जलाकर हमको रुलाया,
दुनिया की नज़रों में क्यूं बेजार हुए।
Kyun Daaman Jalakar Humko Rulaya,
Duniya Ki Najron Mein Kyun Bejar Hue.
किसी को लुटाकर घर भी जलाकर,
किसी के तुम दर-ओ-दीवार हुए।
Kisi Ko Lutakar, Ghar Bhi Jalaakar,
Kisi Ke Tum Darr - O - Deewar Hue.
निकलेंगे किसी शाम भुलाने को तुमको,
जो तुम अब अपना पुराना प्यार हुए।
Niklenge Kisi Shaam Bhulane Ko Tumko,
Jo Tum Ab Apna Purana Pyaar Hue.
निशांत NYSH
No comments:
Post a Comment