Wednesday, April 23, 2014

तूने जो छुआ...

तूने जो छुआ है, जाने क्या हुआ है,
ठंडी ठंडी हवाएं, खुशबू दरमियां है,

जब भी मैं नाचूं, बंद आँख करके,
हाथों में हाथ और, बाँहों में जिया है,

दूर हो के तुमसे, दिल नहीं लगता,
मिलने का फिर से, बहाना किया है,

जो सपने थे तेरे, सपने है मेरे,
ख्वाबों के महल में, तू ही पिया है,

मेरी दास्ताँ में, शामिल है तू भी,
तुमको ही मैंने, दिल ये दिया है,

तुम बिन मैं तनहा-तनहा रहा हूँ,
तुमको जो पाया, जहां पा लिया है,

NYSH निशान्त

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