Saturday, January 26, 2008

अपना संविधान... अपना गणतंत्र...

भारत के संविधान की ५८वीं वर्षगाँठ पर सभी भारतीयों को बधाई।


ठण्डी का सुहाना मौसम, कोहरा सा छाये।
ओस की बूंदे जब, तारों सी झिलमिलाये।

सूरज भले करे विलम्ब, बच्चे जल्दी नहाये।
बिन बस्ते आज के दिन, स्कूल दौडे जाये।

ऐसा हो हर त्यौहार जो सबको जल्दी उठाये।
जैसे हर गणतंत्र दिवस, हमें इंतज़ार करवाये।

झंडे को सलामी देते, हर इक मन हर्षाये।
सीना फुला कर परेड, डर को दिल से भगाये।

वीरों की गाथाएं सुनना, हम में जोश जगाये।
मधुर-संगीत और खेल-कूद भी सबको आज नचाये।

दिल कहता है ऐसा दिन अब रोज़-रोज़ ही आये।
देश-प्रेम हर दिल में यूँ ही, बुलंदियों पे छाये।

रहे खुशहाल, समृद्ध और सुरक्षित अपना वतन।
कण-कण अपना भले मिट्टी में मिल जाये।

मातृभूमि को मेरा नमन...

NYSH निशान्त Nishant
Surat.

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