Friday, June 09, 2006

एक परी...

एक परी, बेहद सुनहरी, ख्वाबों में रोज़ आती है।
सुन्दर सा चेहरा, कातिल अदाएँ, हमको बहुत लुभाती है।

दिल की धड़कन, आहट सुन-सुन, देती है पैगाम हमें,
कोई नयी दस्तक होगी अब, खामोशी कह के सुनाती है।

चाँदनी रात, तारों का साथ, और दीवानों से ये हालात,
सदियों का सफ़र लम्हों में गुजरे, गर कोई आपका साथी है।

इश्क के मारे, सब से न्यारे, जिंदगी से कभी ना हारे,
कहीं तो होगा वो भी जालिम, तन्हाई किसे यहाँ भाती है।

आएगा जब वो मिलने हमसे, पूछूँगा में पागल दिल से,
क्यों सताया, क्यों हमको रुलाया, आप तो सिर्फ हँसाती है।

चाहत जब दिल में जागे, हर कोई दिल के पीछे भागे,
मगर आसमान की परियां, बस ख्वाबों में ही आती-जाती है।

निशांत NYSH

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