Sunday, April 19, 2020

और एक साल

चमकते गाल, रेशमी बाल
चांद सजा है जिसके भाल¹ 

होंठ लाल मदहोश² नयन
ये मेरी नजर से, तेरा हाल

दिन ही नहीं, मैं भी हूँ तेरा
बढ़ी है उम्र, बस एक साल

कैद भले हैं घर पर लेकिन
संग तेरे, जिंदङी खुश-हाल

कामयाबी कदम चूमेगी तेरे
वक्त भी चलेगा, ऐसी चाल

तेरे ख्वाब को मिले मंजिल
मेरा ख्वाब, बनना तेरी ढाल 

नस नस में है इश्क तेरा बस
तुमसे ही जुड़ी हर सुर-ताल

हर जन्म गुजरे तेरे संग संग 
किस्मत गम दे, सारे निकाल 

मुबारक दिनों के हसीन पल
यही हयात³ का असल माल

¹मस्तक ²नशीले ³जीवन

Friday, March 15, 2019

राबता...

मेरी इसमें क्या खता, काश वो देती बता. 
मेरा दिल तोड़ने वाले, इतना भी तो ना सता. 

रिश्ता कुछ भी रहे भले, दुरी दिलों में न चले, 
चार दिन की जिंदगी में, प्यार थोड़ा तो जता. 

याद तुझको मैं करूँ, तन्हा-तन्हा आहें भरूं, 
तेरे बिन दिल न लगे, दिमाग भी अब लापता. 

लौट आजा यार फिर, इल्ज़ाम सारे मेरे सिर, 
चाहता हूँ तुम साथ हो, तु रहता बस भागता. 

गल तु मैनूं एक दस, कदी तो नाल मेरे हंस, 
जाने की बात न कर, रब का तुझको वासता. 

कुछ तो था या था नहीं, भुल न जाना नाजनीं, 
दिल मेरा चुराने वाले, कुछ तो है तुझसे राबता.

NYSH

Thursday, April 19, 2018

गुलजार दिन...

तीन दशकों की एक कहानी,
किरदार है उसका, मेरी रानी.

दीदार बयां यूं करे है साजन, 
अफसाना जैसे कोई रूहानी. 

खास है उसकी हर वो बातें, 
जिसमें छुपी हो कुछ नादानी. 

रुखसार गर माहताब बताऊँ, 
आफताब है वो आंखें नुरानी. 

जब से मिले हैं हम उनसे यूं, 
देखी नहीं कभी हवा वीरानी. 

साल गिरह का गुलजार दिन, 
मनाने चला मैं, जश्न तुफानी. 

जन्नत जैसा साथ है उसका, 
न मिला न मिलेगा तेरा सानी.