Friday, November 17, 2006

कौन सुने...

गम है मुझे जिंदगी में यही।
जिसे मैंने चाह वो मेरी ना हुई।

दिल भी मेरा एक जिद्द पे अड़ा है,
कैसे मान जाये जब खता ही नही

वो क्या जाने मेरे दिल की हालत,
जिनको किसी से मोहब्बत ना हुई।

दिल में बस एक तमन्ना थी,
किस से कहें जब यहाँ कोई नहीं।

NYSH निशांत

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