Thursday, January 01, 2009

आखिरी हसरत...

कहा था उस दिन, प्यार है तुमसे,
वो सच था मेरी जान, सची कसम से,

ये मिलन, ये जुदाई अपने दरम्यान,
कुछ रिश्ता जरुर है जन्म-जन्म से,

हर बात क्यूं इतेफाक पर रूकती है,
गर्दे-सफ़र में काश कहता वो हमसे,

तुम थी आखिरी हसरत, ए-खुश्बख्त,
दी थी सदायें रब को दैर-ओ-हरम से,

अपनी जग-हंसाई में हम भी खूब हँसे,
फिर भी न मिला निजात तेरे गम से,

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