तुमसे रोज़ मिलना जब मुमकिन न होगा,
न सुबह हसीन होगी न दिन हसीन होगा।
अब तुम बिन कैसे तन्हा थिरकेंगे कदम,
ठहर सा गया हूँ मैं किसको यकीन होगा।
हर ताल पर तेरी अदा क्यूँ खास लगती है,
शायद ही कोई तुमसा यहाँ जानशीन होगा।
मुस्कुराती आँखें और कातिलाना मुस्कान,
तेरा किस्सा मेरी जिंदगी में नमकीन होगा।
दौर तबस्सुम में चमक जबीं की ना पूछो,
कौन तुमसा दूसरा यहाँ यूँ कमसिन होगा।
होंगे हाथ जब भी किसी साथी के हाथ में,
ख्यालों में तुम्हारा ख्याल नाज़नीन होगा।
सर्दी में तेरी गुलाबी नाक और झूठी छींकें,
दिल्ली वाले गाने पर निशांत शाहीन होगा।
दुआ है दोस्त तुमको मुक्कमल जहाँ मिले,
तेरा हरेक ख्वाब मेरे रब को आमीन होगा।
तुमसे रोज़ मिलना जब मुमकिन न होगा,
न सुबह हसीन होगी न दिन हसीन होगा।
न सुबह हसीन होगी न दिन हसीन होगा।
अब तुम बिन कैसे तन्हा थिरकेंगे कदम,
ठहर सा गया हूँ मैं किसको यकीन होगा।
हर ताल पर तेरी अदा क्यूँ खास लगती है,
शायद ही कोई तुमसा यहाँ जानशीन होगा।
मुस्कुराती आँखें और कातिलाना मुस्कान,
तेरा किस्सा मेरी जिंदगी में नमकीन होगा।
दौर तबस्सुम में चमक जबीं की ना पूछो,
कौन तुमसा दूसरा यहाँ यूँ कमसिन होगा।
होंगे हाथ जब भी किसी साथी के हाथ में,
ख्यालों में तुम्हारा ख्याल नाज़नीन होगा।
सर्दी में तेरी गुलाबी नाक और झूठी छींकें,
दिल्ली वाले गाने पर निशांत शाहीन होगा।
दुआ है दोस्त तुमको मुक्कमल जहाँ मिले,
तेरा हरेक ख्वाब मेरे रब को आमीन होगा।
तुमसे रोज़ मिलना जब मुमकिन न होगा,
न सुबह हसीन होगी न दिन हसीन होगा।
NYSH निशान्त
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