Friday, June 08, 2007

एक पैगाम तेरे नाम...

एक हसीं सी शाम, एक नाजनीन सी जाम,
थोडी सी मदहोशी, और लंबा सा आराम.

दिल का वीरान आलम, रात की खामोश तन्हाई,
दिल में सुकून और होठों पे तेरा नाम.

यही है अब इरादा, नहीं चाहिए इस से ज्यादा,
आ जाना मिलने कल, भेज रहा हूँ ये पैगाम.

NYSH

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