Friday, June 16, 2006

खामोश रात...

खामोश रात, छिपाये हुए है एक राज़ की बात,
जिसका करते थे आप इंतज़ार, आयी है आज वो रात।


जिंदगी के पल कभी कम ना होंगे आपके लिये,
मगर थोड़ी सी देर जरुर होगी आज बरसात।

यूं तो अपना कोई नही इस ज़माने में तेरे सिवा,
मगर ये चंद और तारे जरुर थे हमारे साथ।

आशिक मिजाज, कमब्खत दिल और ये हसीं मौसम,
बेहद रुलाते हैं अब आपके जाने के बाद।

आपकी मुस्कान को देखकर जो दीवाना हुआ 'Nysh',
कभी नहीं निकले थे इस के दिल से ऐसे जज्बात।

निशांत NYSH

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