Wednesday, March 23, 2016

पहली नजर...

लफ्ज़ महके हुए, जिस्म तरसा हुआ, आँखें यूँ मुस्कुराई, फना मैं हुआ... 
दौर ऐसे ही थे, जिन्दगी के मेरे, तुम जो आई तो जन्नत, जहां ये हुआ... 

तय था किया, करना है मना, पर सिलसिला यूँ चला, चलता मैं गया... 
एक मुलाकात में, बात ही बात में, जो मैंने जाना उसे, मजा आ गया... 

दस्तक दिल में, बस एक पल में, ख्वाब देखे हजारों, और खोया रहा... 
शाम का इंतजार, दिल है बेकरार, फिजा में खुशबू, महक आँगन रहा... 

तुम हमारे हुए, हम तुम्हारे हुए, सब अचानक हुआ, वक्त थम सा गया... 
नींद आती नहीं, रात जाती नहीं, सारा आलम है कहता, अब तु गया... 

लकीरें सर पर, सुकून दिल में, मैं भी किसी का, आज आखिर हुआ... 
दो बरस पहले, तुम थे जो मिले, बात कल की सी है, दिल ताजा हुआ... 

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